मंगलवार, फ़रवरी 06, 2024

स्वच्छ भारत


वायू  प्रदूषित जल दूषित
लगा है कूड़ो  का अम्बार
जिसके है हम सब जिम्मेदार
फिर क्या करे अकेली भारत सरकार



शुक्रवार, जून 10, 2022

जिंदगी

संघर्ष ही जिंदगी है।
जिंदगी भर का संघर्ष है।
 
कठनाईयों भारी है जिंदगी
जिंदगी भर है कठनाइयाँ ।
 
जिंदगी जीयो होंसले से
होंसला रखो जिंदगी भर।
 
मुस्कारो तो खिलखिला देगी जिंदगी
खिलखलाओ तो मुस्करा देगी जिंदगी।
 
मेहनत कर मेहनत का रंग दिखला देगी जिंदगी
ना मान हार मेहनत से जितना सिखला देगी जिंदगी।
 
सुख-दुख है दो पहलू जिंदगी के
बिना सुख-दुख कुछ मज़ा नहीं है जिंदगी में।
 
अभी तो कुछ ही जान पाया हूं तुझे जिंदगी
देखता है आगे क्या सिखलाएगी जिंदगी।

बुधवार, फ़रवरी 24, 2016

बढ़ेगा फिर हरियाणा की माटी का अभिमान


मिटा के दिला में द्वेष  बना  के भाईचारा
हिंसा और जात पात पर ना फैलाओ अशांति


भुला के हिंसा के दिन का इतिहास
शान्ति का तुम करो प्रयास
ये जात पात की राजनीती करने वाले नेताओं का ना बनो शिकार
दिखा के 36 बिरादरी की एकता विफल करो इनका प्रयास

 दुसरो की भड़काऊ बातें ना सुनकर लो अपनी सूझ बुझ से काम
 उठाओ शांति का कदम करो ऐसे प्रयासों को नाकाम

इस से मिटेगा द्वेष, बनेगा भाईचारा,
होगी हमारी अनोखी शान।
बढ़ेगा फिर हरियाणा की माटी का अभिमान 

गुरुवार, दिसंबर 31, 2015

देखो यारों ! चला एक और साल।


समाप्ति की ओर चला एक और साल,
365 दिनों का लिख चला एक और इतिहास।
कुछ गलतियों से सिखाकर कुछ खुशियाँ दिला कर ,
बंधाये नयी आशाओं की आस,
देखो यारों ! चला एक और साल।

दे चला मीठी यादें, ताकि रखे हम संजोकर।
कड़वी यादों के लिए बोल चला 'बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय'।
चलना ही है प्रकृति का नियम, चलना ही जिंदिगी है, रहना तुम सब खुशहाल।
ये कह अवविदा कर चला ये साल।