रविवार, अक्तूबर 23, 2011

सब जीवों की जान है वायु

सब जीवो का जीवन जिससे,
सब जीवों की जान है वायु |

हो रहा है आज प्रदुषण इतना,
दूषित होती जा रही है वायु | 

घिरे है आज जीव बिमारियों से
जिस से कम होती जा रही है आयु |

पेड़-पोधों की होती कम सख्यां,
उस पर बढती ये जनसख्यां | 

कल कारखानों से बढता धुआं,
जिस से जीना और मुश्किल हुआ |

कभी होती थी साफ़ स्वच्छ वायु,
होती थी सभी की दीर्घायु | 

आओ सब मिलकर सब पेड़-पोधों लगायें,
वायु को फिर से स्वच्छ बनाएं |

क्योकि, सब जीवो की जान है वायु,
सब जीवो की जान है वायु ||




दिवाली के पावन मौके पर

इस दिवाली पर पटाखे ना बजाएं,
वायु को प्रदूषित होने से बचाएँ
फूलों और पोधों से अपने आँगन को महकाएं ,
हंसी ख़ुशी दिवाली बनाएं ||

दिवाली की शुभकामनाएं .....