बुधवार, मई 08, 2013

परिवर्तन है प्रकृति का नियम

वृक्ष त्यागता पत्ते अपने,
सर्प छोड़ता काया |
परिवर्तन है जरुरत आज की,
परिवर्तन है प्रकृति का नियम |

परिवर्तन की जरुरत है देश को ,
परिवर्तन की जररुत है देशवासियों को |

परिवर्तन चाहिए देश में,
परिवर्तन चाहिए देशवासियों में |

परिवर्तन चाहिए देश की विचारधारा में ,
परिवर्तन चाहिए देशवासियों की विचारधारा में |

परिवर्तन सता का जो बढाये प्रगति के पथ पर ,
परिवर्तन सोच का जो दिलाये मुक्ति अपराध, आतंकवाद, भष्ट्राचार जैसी से समस्याओं से |

परिवर्तन विज्ञान का जो निरन्तर अग्रसर करती रहे प्रयोधीकी मे ,
परिवर्तन सूचना और प्रसार का जो पहुचाएं सूचना जनजन तक |

परिवर्तन की आंधी जिस दिन इस देश में चलेगी,
दुनियां उस दिन हमारी तरक्की को देख देख जलेगी |

 ऐ मेरे दोस्तों चलो परिवर्तन के लिए एक कदम तो बढाओ