सोमवार, दिसंबर 31, 2007

आओ नववर्ष में रखें कदम,

आओ नववर्ष में रखें कदम,
नई आशाओं और ऊमन्गो के संग।
भारतवर्ष को आगे बढाने लिऐ करे हम पर्यत्न,
इसके लिये हम सब लङ जाये हर जंग।

कवि- विश्वजीत 'सिहँ'