रविवार, जुलाई 22, 2012

कैसे मनाऊं हरियाली तीज ।

कहाँ  रही वो हरियाली,
कैसे मनाऊं हरियाली तीज ।

कहाँ है वो पेड़ ,
जिस पर डालूं सावन के झूले,
और चढाऊं पींगे आसमान की ओर ।

कहाँ  रही वो हरियाली,
कैसे मनाऊं हरियाली तीज ।

याद आते हैं  बचपन के वोह दिन ,
जब होती थी खूब हरियाली,
होते थे घने ऊँचे पेड़ ,
और हंसी ख़ुशी मनाते थे  तीज ।

अब  नहीं बची वो हरियाली,
कैसे मनाऊं हरियाली तीज ।