अब तो ना आए बिन तेरे चैन,
काटे ना कटे अब तो रैन |
जब से मिले मेरे तुझसे ये नैन,
रहते हँ हम तो हरदम बेचैन |
अब तो ना आए बिन तेरे चैन.......
शुक्रवार, नवंबर 14, 2008
गुरुवार, जून 05, 2008
सुप्रभात।
ए दोस्त जग जा अब खत्म हो चुकी रात।
प्रभा की पहली किरन ले कर आयि खुशियों कि सौगत।
कबुल कीजिये हमारी तरफ़ से सुप्रभात।
प्रभा की पहली किरन ले कर आयि खुशियों कि सौगत।
कबुल कीजिये हमारी तरफ़ से सुप्रभात।
बुधवार, मई 28, 2008
घनी काली रातों में
इन घनी काली रातों में,
इन बिन मौसम बरसातों में।
नींद नहीं आती अब तो सारी सारी रात,
खोये-खोये रहते है आपकी यादों में।
मिलने को तरसता रहता है ये मन,
पता नहीं क्या जादु है आपकी बातों में।
मिले है आपसे कुछ पल के लिये सनम,
पर लगता है एका अरसा बिता दिया हमने इन मुलकातों में।
इन घनी काली रातों में........
इन बिन मौसम बरसातों में।
नींद नहीं आती अब तो सारी सारी रात,
खोये-खोये रहते है आपकी यादों में।
मिलने को तरसता रहता है ये मन,
पता नहीं क्या जादु है आपकी बातों में।
मिले है आपसे कुछ पल के लिये सनम,
पर लगता है एका अरसा बिता दिया हमने इन मुलकातों में।
इन घनी काली रातों में........
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