इन घनी काली रातों में,
इन बिन मौसम बरसातों में।
नींद नहीं आती अब तो सारी सारी रात,
खोये-खोये रहते है आपकी यादों में।
मिलने को तरसता रहता है ये मन,
पता नहीं क्या जादु है आपकी बातों में।
मिले है आपसे कुछ पल के लिये सनम,
पर लगता है एका अरसा बिता दिया हमने इन मुलकातों में।
इन घनी काली रातों में........
इन बिन मौसम बरसातों में।
नींद नहीं आती अब तो सारी सारी रात,
खोये-खोये रहते है आपकी यादों में।
मिलने को तरसता रहता है ये मन,
पता नहीं क्या जादु है आपकी बातों में।
मिले है आपसे कुछ पल के लिये सनम,
पर लगता है एका अरसा बिता दिया हमने इन मुलकातों में।
इन घनी काली रातों में........