विश्वजीत सैनी की कविताएं।
यह ब्लाग मेरी हस्तलिखित कविताऔ के लिए समर्पित है।
शुक्रवार, नवंबर 14, 2008
अब तो ना आए बिन तेरे चैन,
अब तो ना आए बिन तेरे चैन,
काटे ना कटे अब तो रैन |
जब से मिले मेरे तुझसे ये नैन,
रहते हँ हम तो हरदम बेचैन |
अब तो ना आए बिन तेरे चैन.......
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