विश्वजीत सैनी की कविताएं।
यह ब्लाग मेरी हस्तलिखित कविताऔ के लिए समर्पित है।
मंगलवार, जून 24, 2014
फिर देखो क्या बात हो।
जाम हाथ में हो
और दोस्तों का साथ हो
एक हंसी रात हो
फिर देखो क्या बात हो।
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