विश्वजीत सैनी की कविताएं।
यह ब्लाग मेरी हस्तलिखित कविताऔ के लिए समर्पित है।
शुक्रवार, जनवरी 11, 2013
जिंदगी का ठेला
जिंदगी ने खेला है खेल सबके साथ मैं नहीं अकेला ,
कभी होती है जीत कभी होती है हार ऐसे ही चलता है जिंदगी का ठेला ।
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