शुक्रवार, जनवरी 11, 2013

जिंदगी का ठेला

जिंदगी ने खेला है खेल सबके साथ मैं नहीं अकेला ,
कभी होती है जीत कभी होती है हार ऐसे ही चलता है जिंदगी  का ठेला ।

1 टिप्पणी:

  1. इस ठेले को लेके चलना पङता है सबको अकेला !
    रास्ते की हार जीत से ही बनती है जिन्दगी खुशी और गमों का मेला

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