गुरुवार, दिसंबर 31, 2009
मुबारक हो आपको मेरी तरफ से नया साल
नयी उमंगो के साथ नया साल,
मनाओ इसे खुशियों दे नाल |
करो इस बार कुछ नया कमाल,
पाओ भंगड़ा,मचा दो धमाल |
मुबारक हो आपको मेरी तरफ से नया साल 2010 ..........
बुधवार, जुलाई 29, 2009
मस्ती में मस्त हरियाणा,
मस्ती में मस्त हरियाणा,
जित रहवे तीज-त्योहारों का आना -जाना
खावे लोग जित के दूध-दही का खाना,
ना किसे बात की चिंता बस यूहीं गाना-बजाना
मस्ती में रहवे मस्त हरियाणा,
मस्ती में मस्त हरियाणा....
मेरे दोस्त संदीप सैनी का दी हुई टिप्पणी
"जित सर पे खंडवा,
धोती कुड़ता, पहरे सीधा बाना,
इसा एंडी नयारा हरियाणा"
मस्ती में मस्त हरियाणा....
जित रहवे तीज-त्योहारों का आना -जाना
खावे लोग जित के दूध-दही का खाना,
ना किसे बात की चिंता बस यूहीं गाना-बजाना
मस्ती में रहवे मस्त हरियाणा,
मस्ती में मस्त हरियाणा....
मेरे दोस्त संदीप सैनी का दी हुई टिप्पणी
"जित सर पे खंडवा,
धोती कुड़ता, पहरे सीधा बाना,
इसा एंडी नयारा हरियाणा"
मस्ती में मस्त हरियाणा....
शनिवार, जुलाई 25, 2009
क्या कहे हम अपने बारे में
क्या कहे हम अपने बारे में,
जिन्दगी एक लम्बा सा अफसाना है ,
कुछ खट्टी और कुछ मीठी यादों का तराना है
आये चाहे कैसी भी मोड़ इस जिदगी में,
पर हमें तो अपनी मंजिल को पाना है
जिन्दगी एक लम्बा सा अफसाना है ,
कुछ खट्टी और कुछ मीठी यादों का तराना है
आये चाहे कैसी भी मोड़ इस जिदगी में,
पर हमें तो अपनी मंजिल को पाना है
Holi,Poem
अपने बारे में,
अफसाना,
खट्टी,
खट्टी-मीठी,
जिदगी,
तराना,
मंजिल,
मीठी,
लंबा
शुक्रवार, जुलाई 24, 2009
मेरी जान जुदा ना होना मुझ से.....
मेरी जान जुदा ना होना मुझ से,
एक पल भी ना रह पाऊंगा
आपके आने से पहले थी जिन्दगी सूनी मेरी,
पर अब आपके बिना दो कदम भी ना चल पाउँगा
मेरी जान जुदा ना होना मुझ से.....
महका दी मेरी जीवन की बगिया ,
समझ नही आता कैसे करूँ आपका अदा शुक्रिया
डूबा रहता हूँ इसी बगिया की महक में,
अब इसकी महक के बिना ना रह पाऊंगा
मेरी जान जुदा ना होना मुझ से,
एक पल भी ना रह पाऊंगा
एक पल भी ना रह पाऊंगा
आपके आने से पहले थी जिन्दगी सूनी मेरी,
पर अब आपके बिना दो कदम भी ना चल पाउँगा
मेरी जान जुदा ना होना मुझ से.....
महका दी मेरी जीवन की बगिया ,
समझ नही आता कैसे करूँ आपका अदा शुक्रिया
डूबा रहता हूँ इसी बगिया की महक में,
अब इसकी महक के बिना ना रह पाऊंगा
मेरी जान जुदा ना होना मुझ से,
एक पल भी ना रह पाऊंगा
गुरुवार, जुलाई 23, 2009
गुरुवार, जुलाई 02, 2009
जब रहते हो तुम हमसे दूर....
जब रहते हो तुम हमसे दूर,
तुमारी जुदाई कर देती है मिलने को मजबूर|
हम तुमसे मिल बिन रह नही पाते ,
पर तुमारी तरफ से तो मेरे खतों के जबाब भी नही आते|
In English
तुमारी जुदाई कर देती है मिलने को मजबूर|
हम तुमसे मिल बिन रह नही पाते ,
पर तुमारी तरफ से तो मेरे खतों के जबाब भी नही आते|
In English
गुरुवार, जून 25, 2009
डोमेन बदल गया है !
प्रिय दोस्तों
मेरी हिन्दी कविताओं का ब्लॉग का डोमेन ब्लॉगर से बदल कर विश्वजीत डॉट इन हो गया है
आपका दोस्त
-विश्वजीत
मेरी हिन्दी कविताओं का ब्लॉग का डोमेन ब्लॉगर से बदल कर विश्वजीत डॉट इन हो गया है
आपका दोस्त
-विश्वजीत
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